स्वामी विवेकानंद को पश्चिमी देशों में ध्यान के परिचायक के रूप में माना जाता है। अपनी पुस्तक *राजा योग* और व्याख्यानों में उन्होंने ध्यान, इसके उद्देश्य और प्रक्रिया पर व्यापक रूप से चर्चा की है। उन्होंने “ध्यान” को एक पुल के रूप में वर्णित किया है जो मानव आत्मा को भगवान से जोड़ता है। उन्होंने “ध्यान” को इस प्रकार परिभाषित किया, “जब मन को किसी निश्चित आंतरिक या बाहरी स्थान पर स्थिर रहने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है, तब उसमें एक अविरल धारा की शक्ति उत्पन्न होती है, जैसे वह उस बिंदु की ओर बहने लगता है।” *ध्यान एवं इसकी विधियाँ* (जिसमें ‘मन की शक्तियाँ’ शामिल हैं) – ध्यान और इसके विधियों तथा मन की शक्ति पर आधारित पुस्तक, स्वामी विवेकानंद द्वारा।
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Dhyan evam Iski Vidhiyan (Includes ‘Mann Ki Shaktiyan’) Meditation and its Method with Power of the Mind (In Hindi)
Publisher : SAHITYA SAROWAR ORIGINAL BLACK CLASSIC; Classic Edition (18 September 2024)
Unknown Binding : 160 pages
Reading age : 10 years and up
Country of Origin: India
Categories: HINDI, SELF HELP, SELF HELP HIN, SPRITIUAL
Author: SWAMI VIVEKANANDA Weight | 0.15 kg |
---|---|
Dimensions | 14 × 1 × 21 cm |
ISBN NUMBER | 9788119200320 |
HSN CODE | 4901 |
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